** राजनैतिक शब्दावली **
1. धर्म निरपेक्ष (Secularism)
►-जहां धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता तथा सभी धर्मों को समान रूप से देखा जाता है ।
2. लोकतंत्र (Democracy)
►-सरकार को सारी शक्तियां जनता से प्राप्त होती हैं । शासकों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है । दूसरे रूप में कह सकते हैं कि लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए है ।
3. समाजवाद (Socialism)
►-ऐसी व्यवस्था जिसमें उत्पादन और वितरण का स्वामित्व राज्य के नियंत्रण में रहता है ।
4. गणराज्य(Republic)
►-इसका मतलब यह है कि राज्य का अध्यक्ष एक निर्वाचित व्यक्ति है जो एक निश्चित अवधि के लिए पद ग्रहण करता है ।
5. अध्यादेश
►-जब संसद का अधिवेशन नहीं चल रहा हो और किसी विशेष उद्देश्य के लिए कानून की आवश्यकता हो, तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है । इस अध्यादेश का प्रभाव संसद द्वारा निर्मित कानून जैसा ही होगा ।
6. प्रश्नकाल (Question Hour)
►-जब संसद की कार्यवाही शुरू होती है…उसके शुरू के पहला घंटा सामान्यत: प्रश्नकाल कहलाता है ।
7. शून्य काल
►-संसद के दोनों सदनों में प्रश्न काल के ठीक बाद के समय को शून्य काल कहा जाता है । शून्य काल का लोकसभा या राज्यसभा की प्रक्रिया तथा संचालन नियम में कोई उल्लेख नहीं है ।
8. सदन का स्थगन
►-स्थगन द्वारा सदन के कामकाज को विनिर्दिष्ट समय के लिए स्थगित कर दिया जाता है ।
9. अनुपूरक प्रश्न
►-सदन में किसी सदस्य द्वारा अध्यक्ष की अनुमति से किसी विषय पर दिए गए जवाब का स्पष्टीकरण के लिए अनुपूरक प्रश्न पूछने की अनुमति प्रदान करता है ।
10. विघटन
►-केवल लोकसभा का ही विघटन हो सकता है । इससे लोकसभा भंग हो जाती है ।
11. तारांकित प्रश्न
►-जिन सवालों का जवाब सदस्य तुरंत सदन में चाहता है उसे तारांकित प्रश्न कहा जाता है ।
12. अतारांकित प्रश्न
►-जिन प्रश्नों का उत्तर सदस्य लिखित में चाहता है, उन्हें अतारांकित प्रश्न कहा जाता है ।
13. स्थगन प्रस्ताव
►-स्थगन प्रस्ताव किसी लोक महत्व के मामले पर पेश किया जाता है । जब ये स्वीकार कर लिया जाता है तब लोक महत्व के कार्य के लिए सदन का नियमित कार्य रोक दिया जाता है । इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए न्यूनतम 50 सदस्यों की स्वीकृति जरूरी है ।
14. धन विधेयक
►-संसद में राजस्व एकत्र करने या अन्य प्रकार के धन के संबंधित विधेयक को धन विधेयक कहा जाता है । धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जाता है । धन विधेयक को पुन:विचार के लिए राष्ट्रपति लौटा नहीं सकता ।
15. विनियोग विधेयक
►-विनियोग विधेयक में भारत की संचित निधि पर भारित व्यय की पूर्ति के लिए धन तथा सरकार के खर्च के लिए अनुदान की मांग शामिल होती है । भारत में संचित निधि में से कोई भी धन विनियोग विधेयक के अधीन ही निकाला जा सकता है ।
16. अविश्वास प्रस्ताव
►-यह प्रस्ताव लोकसभा या विधानसभा में विपक्षी दलों द्वारा लाया जाता है । दरअसल ये प्रस्ताव सत्तारूढ पार्टी या गठबंधन के बहुतमत की परीक्षा होती है…। अगर ये प्रस्ताव पारित हो जाता है तो मंत्रिपरिषद् को इस्तीफा देना पड़ता है । सरकार गिर जाती है ।
17. पदेन
►-पद धारण करने के कारण ।
18. निषेधाधिकार
►-मुख्य कार्यपालिका द्वारा सोच-विचार के बाद किसी विधायी अधिनियम पर अपनी अस्वीकृति । ऐसा करने से अधिनियम कानून का रुप नहीं ले पाता ।
19. निंदा प्रस्ताव
►-सरकार की गलत नीतियों की आलोचना करने के लिए संसद के किसी भी सदन में निंदा प्रस्ताव लाया जा सकता है ।
20. गुलेटिन
►-वह संसदीय प्रक्रिया जिसमें सभी मांगों को जो नियत तिथि तक नहीं निपटाई गई हो बिना चर्चा के ही मतदान के लिए रखा जाता है ।
21. काकस (Caucus)
►-किसी राजनीतिक दल अथवा गुट के प्रमुख सदस्यों की बैठक को काकस कहते हैं । इन प्रमुख सदस्यों द्वारा तय की गई नीतियों से ही पूरा दल संचालित होता है ।
22. सचेतक
►-राजनीतिक दल में अनुशासन बनाए रखने के लिए सचेतक की नियुक्ति हर दल द्वारा की जाती है ।
23. निर्वाचन मंडल
►-विशेष मतदान के मकसद से गठित निर्वाचकों का विशेष समूह । जैसे- राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद या विधानसभाओं से निर्वाचित सदस्य निर्वाचक मंडल का गठन करते है ।
24. न्यायिक समीक्षा
►-विधायिका का बनाया गया कानून संविधान के मुताबिक है या नहीं, इसकी न्यापालिका जांच करती है, इसे ही न्यायिक समीक्षा कहा जाता है ।
25. प्रभुसत्ता संपन्न
►-जहां देश आंतरिक और बाह्य मामलों में पूरी तरह स्वतंत्र हो और किसी बाह्य शक्ति पर निर्भर न हो ।
1. धर्म निरपेक्ष (Secularism)
►-जहां धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता तथा सभी धर्मों को समान रूप से देखा जाता है ।
2. लोकतंत्र (Democracy)
►-सरकार को सारी शक्तियां जनता से प्राप्त होती हैं । शासकों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है । दूसरे रूप में कह सकते हैं कि लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए है ।
3. समाजवाद (Socialism)
►-ऐसी व्यवस्था जिसमें उत्पादन और वितरण का स्वामित्व राज्य के नियंत्रण में रहता है ।
4. गणराज्य(Republic)
►-इसका मतलब यह है कि राज्य का अध्यक्ष एक निर्वाचित व्यक्ति है जो एक निश्चित अवधि के लिए पद ग्रहण करता है ।
5. अध्यादेश
►-जब संसद का अधिवेशन नहीं चल रहा हो और किसी विशेष उद्देश्य के लिए कानून की आवश्यकता हो, तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है । इस अध्यादेश का प्रभाव संसद द्वारा निर्मित कानून जैसा ही होगा ।
6. प्रश्नकाल (Question Hour)
►-जब संसद की कार्यवाही शुरू होती है…उसके शुरू के पहला घंटा सामान्यत: प्रश्नकाल कहलाता है ।
7. शून्य काल
►-संसद के दोनों सदनों में प्रश्न काल के ठीक बाद के समय को शून्य काल कहा जाता है । शून्य काल का लोकसभा या राज्यसभा की प्रक्रिया तथा संचालन नियम में कोई उल्लेख नहीं है ।
8. सदन का स्थगन
►-स्थगन द्वारा सदन के कामकाज को विनिर्दिष्ट समय के लिए स्थगित कर दिया जाता है ।
9. अनुपूरक प्रश्न
►-सदन में किसी सदस्य द्वारा अध्यक्ष की अनुमति से किसी विषय पर दिए गए जवाब का स्पष्टीकरण के लिए अनुपूरक प्रश्न पूछने की अनुमति प्रदान करता है ।
10. विघटन
►-केवल लोकसभा का ही विघटन हो सकता है । इससे लोकसभा भंग हो जाती है ।
11. तारांकित प्रश्न
►-जिन सवालों का जवाब सदस्य तुरंत सदन में चाहता है उसे तारांकित प्रश्न कहा जाता है ।
12. अतारांकित प्रश्न
►-जिन प्रश्नों का उत्तर सदस्य लिखित में चाहता है, उन्हें अतारांकित प्रश्न कहा जाता है ।
13. स्थगन प्रस्ताव
►-स्थगन प्रस्ताव किसी लोक महत्व के मामले पर पेश किया जाता है । जब ये स्वीकार कर लिया जाता है तब लोक महत्व के कार्य के लिए सदन का नियमित कार्य रोक दिया जाता है । इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए न्यूनतम 50 सदस्यों की स्वीकृति जरूरी है ।
14. धन विधेयक
►-संसद में राजस्व एकत्र करने या अन्य प्रकार के धन के संबंधित विधेयक को धन विधेयक कहा जाता है । धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जाता है । धन विधेयक को पुन:विचार के लिए राष्ट्रपति लौटा नहीं सकता ।
15. विनियोग विधेयक
►-विनियोग विधेयक में भारत की संचित निधि पर भारित व्यय की पूर्ति के लिए धन तथा सरकार के खर्च के लिए अनुदान की मांग शामिल होती है । भारत में संचित निधि में से कोई भी धन विनियोग विधेयक के अधीन ही निकाला जा सकता है ।
16. अविश्वास प्रस्ताव
►-यह प्रस्ताव लोकसभा या विधानसभा में विपक्षी दलों द्वारा लाया जाता है । दरअसल ये प्रस्ताव सत्तारूढ पार्टी या गठबंधन के बहुतमत की परीक्षा होती है…। अगर ये प्रस्ताव पारित हो जाता है तो मंत्रिपरिषद् को इस्तीफा देना पड़ता है । सरकार गिर जाती है ।
17. पदेन
►-पद धारण करने के कारण ।
18. निषेधाधिकार
►-मुख्य कार्यपालिका द्वारा सोच-विचार के बाद किसी विधायी अधिनियम पर अपनी अस्वीकृति । ऐसा करने से अधिनियम कानून का रुप नहीं ले पाता ।
19. निंदा प्रस्ताव
►-सरकार की गलत नीतियों की आलोचना करने के लिए संसद के किसी भी सदन में निंदा प्रस्ताव लाया जा सकता है ।
20. गुलेटिन
►-वह संसदीय प्रक्रिया जिसमें सभी मांगों को जो नियत तिथि तक नहीं निपटाई गई हो बिना चर्चा के ही मतदान के लिए रखा जाता है ।
21. काकस (Caucus)
►-किसी राजनीतिक दल अथवा गुट के प्रमुख सदस्यों की बैठक को काकस कहते हैं । इन प्रमुख सदस्यों द्वारा तय की गई नीतियों से ही पूरा दल संचालित होता है ।
22. सचेतक
►-राजनीतिक दल में अनुशासन बनाए रखने के लिए सचेतक की नियुक्ति हर दल द्वारा की जाती है ।
23. निर्वाचन मंडल
►-विशेष मतदान के मकसद से गठित निर्वाचकों का विशेष समूह । जैसे- राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद या विधानसभाओं से निर्वाचित सदस्य निर्वाचक मंडल का गठन करते है ।
24. न्यायिक समीक्षा
►-विधायिका का बनाया गया कानून संविधान के मुताबिक है या नहीं, इसकी न्यापालिका जांच करती है, इसे ही न्यायिक समीक्षा कहा जाता है ।
25. प्रभुसत्ता संपन्न
►-जहां देश आंतरिक और बाह्य मामलों में पूरी तरह स्वतंत्र हो और किसी बाह्य शक्ति पर निर्भर न हो ।
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