Some Interview Questions (UPPCSJ-2015)
उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा (सिविल जज जूनियर डिवीजन) 2015 का फाइनल रिजल्ट 5 अगस्त 2016 को घोषित किया गया था। इसमें अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोरखपुर के अंशुमाली पांंडेय सेकंड टॉपर बने थे।
बता दें, कि लखनऊ की अंशू शुक्ला को यूपी में पहला स्थान मिला था।
इंटरव्यू में अंशुमाली पांंडेय से पूछे गए कुछ प्रश्न यहाँ दिए गए हैं -
Q1. कृष्ण के मुंह पर माखन कैसे लगा है? (ग्वाल बाल सब बैर पड़े हैं बरबस मुख लपटायो )।
उत्तर - सर,यह ‘मिथ्या साक्ष्य गढ़ने का अपराध’ है। जो भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 192 में परिभाषित है । ग्वाल बाल भगवान श्री कृष्ण के मुख पर माखन लगाकर उनपर चोरी का अभियोग लगाने हेतु मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हैं। (इस पर बोर्ड के सभी सदस्य मुस्कुराने लगते हैं)
Q2. आपको नहीं लगता की मूल कर्तव्य प्रवर्तनीय होने चाहिए? एक कप टूट जाने पर नौकर के तनख्वाह में कटौती की बात की जाती है, आख़िर क्यों इन्हें प्रवर्तनीय नहीं बनाया गया?
उत्तर - सर, जब मूल कर्तव्यों के संबंध में संविधान में प्रावधान किया गया, तब हमारे देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को अपने विधिक और राजनीतिक अधिकारों और कर्तव्यों का बोध नहीं था, लेकिन अब स्थिति काफी बदल चुकी है। लोगों में जागरूकता बढ़ी है। अब इन कर्तव्यों के पालन को सुशिक्षित लोगों के संबंध में बाध्यकारी बनाया जाना चाहिए। प्राचीन दंड-विधि व्यवस्था में भी अपकारों के लिए समाज के बौद्धिक वर्ग को अपेक्षाकृत अधिक दंड दिया जाता था।
Q3.CPC कहाँ लागू होती है?
उत्तर - जम्मू कश्मीर, नागालैंड और जनजातीय क्षेत्रों को छोड़कर समस्त भारत राज्य क्षेत्र पर
Q4. क्या आप बता सकते हैं की वह कौन सा मामला था जिसमे एक व्यक्ति ने अपने गधे के दोनों पैर बांधकर संकरी गली में छोड़ दिया था और उससे टक्कर होने की वजह से वादी को क्षति हुई थी
उत्तर - सर, वह डेविस बनाम मन्न का वाद था, इसमें अंतिम अवसर के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया गया था
Q5. क्या है यह सिद्धान्त?
उत्तर - सर, इसके अनुसार क्षति के उस पक्ष को दोषी माना जायगा जिसके पास उसे निवारित करने का अंतिम अवसर था
Q6. मैय्या मोरी मैं नहीं माखन खाय"इसकी4लाइन्स सुना सकते हैं और इन्हें कानून से जोड़ सकतेहैं?
उत्तर - जी सर, भगवान् श्री कृष्ण माँ यशोदा से माखन चोरी होने के अपराध के कारित होने के समय 'घटना स्थल से दूर होने का अभिवाक (Plea of Alibi) कर रहे हैं जोकि भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 11 के अंतर्गत सुसंगत है
Q7. अपकृत्य और अपराध के बीच का अंतर सूक्ष्म होता जा रहा है क्या आपको लगता है कि इनके बीच का भेद समाप्त कर दिया जाना चाहिए?
उत्तर - नहीं सर, अपकृत्य और अपराध दोनों प्रकृति, उद्देश्य व उपचार के आधार पर पृथक अवधारणायें हैं
Q8. धारा 499, IPC में क्या प्रावधान किया गया है ?
उत्तर - मानहानि के अपराध को परिभाषित किया गया है
Q9. इसमें कुछ और भी है ?
उत्तर - जी, इसमें 10 आपवादिक परिस्थितियों का उल्लेख है, इसमें प्रकाशन मानहानि की कोटि में नहीं आता
Q10. जनहित याचिका, उपचारों की किस श्रेणी में आती है? संवैधानिक, विधिक या किसी अन्य में?
उत्तर - यह उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित निर्णयज उपचार है
उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा (सिविल जज जूनियर डिवीजन) 2015 का फाइनल रिजल्ट 5 अगस्त 2016 को घोषित किया गया था। इसमें अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोरखपुर के अंशुमाली पांंडेय सेकंड टॉपर बने थे।
बता दें, कि लखनऊ की अंशू शुक्ला को यूपी में पहला स्थान मिला था।
इंटरव्यू में अंशुमाली पांंडेय से पूछे गए कुछ प्रश्न यहाँ दिए गए हैं -
Q1. कृष्ण के मुंह पर माखन कैसे लगा है? (ग्वाल बाल सब बैर पड़े हैं बरबस मुख लपटायो )।
उत्तर - सर,यह ‘मिथ्या साक्ष्य गढ़ने का अपराध’ है। जो भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 192 में परिभाषित है । ग्वाल बाल भगवान श्री कृष्ण के मुख पर माखन लगाकर उनपर चोरी का अभियोग लगाने हेतु मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हैं। (इस पर बोर्ड के सभी सदस्य मुस्कुराने लगते हैं)
Q2. आपको नहीं लगता की मूल कर्तव्य प्रवर्तनीय होने चाहिए? एक कप टूट जाने पर नौकर के तनख्वाह में कटौती की बात की जाती है, आख़िर क्यों इन्हें प्रवर्तनीय नहीं बनाया गया?
उत्तर - सर, जब मूल कर्तव्यों के संबंध में संविधान में प्रावधान किया गया, तब हमारे देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को अपने विधिक और राजनीतिक अधिकारों और कर्तव्यों का बोध नहीं था, लेकिन अब स्थिति काफी बदल चुकी है। लोगों में जागरूकता बढ़ी है। अब इन कर्तव्यों के पालन को सुशिक्षित लोगों के संबंध में बाध्यकारी बनाया जाना चाहिए। प्राचीन दंड-विधि व्यवस्था में भी अपकारों के लिए समाज के बौद्धिक वर्ग को अपेक्षाकृत अधिक दंड दिया जाता था।
Q3.CPC कहाँ लागू होती है?
उत्तर - जम्मू कश्मीर, नागालैंड और जनजातीय क्षेत्रों को छोड़कर समस्त भारत राज्य क्षेत्र पर
Q4. क्या आप बता सकते हैं की वह कौन सा मामला था जिसमे एक व्यक्ति ने अपने गधे के दोनों पैर बांधकर संकरी गली में छोड़ दिया था और उससे टक्कर होने की वजह से वादी को क्षति हुई थी
उत्तर - सर, वह डेविस बनाम मन्न का वाद था, इसमें अंतिम अवसर के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया गया था
Q5. क्या है यह सिद्धान्त?
उत्तर - सर, इसके अनुसार क्षति के उस पक्ष को दोषी माना जायगा जिसके पास उसे निवारित करने का अंतिम अवसर था
Q6. मैय्या मोरी मैं नहीं माखन खाय"इसकी4लाइन्स सुना सकते हैं और इन्हें कानून से जोड़ सकतेहैं?
उत्तर - जी सर, भगवान् श्री कृष्ण माँ यशोदा से माखन चोरी होने के अपराध के कारित होने के समय 'घटना स्थल से दूर होने का अभिवाक (Plea of Alibi) कर रहे हैं जोकि भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 11 के अंतर्गत सुसंगत है
Q7. अपकृत्य और अपराध के बीच का अंतर सूक्ष्म होता जा रहा है क्या आपको लगता है कि इनके बीच का भेद समाप्त कर दिया जाना चाहिए?
उत्तर - नहीं सर, अपकृत्य और अपराध दोनों प्रकृति, उद्देश्य व उपचार के आधार पर पृथक अवधारणायें हैं
Q8. धारा 499, IPC में क्या प्रावधान किया गया है ?
उत्तर - मानहानि के अपराध को परिभाषित किया गया है
Q9. इसमें कुछ और भी है ?
उत्तर - जी, इसमें 10 आपवादिक परिस्थितियों का उल्लेख है, इसमें प्रकाशन मानहानि की कोटि में नहीं आता
Q10. जनहित याचिका, उपचारों की किस श्रेणी में आती है? संवैधानिक, विधिक या किसी अन्य में?
उत्तर - यह उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित निर्णयज उपचार है
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