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Gravitational waves : अब ये कौन सी चिड़िया है ?

नमस्कार पाठको
आशा है पिछला science article Human Perception of Time आपको अच्छा लगा होगा।

अभी हाल ही में खबर आई कि अमेरिका की किसी प्रयोगशाला (LIGO) ने Gravitational Waves की खोज कर ली । वो अलग बात है कि अधिकतर मीडिया ने इस खबर को कोई खास तवज्जोह नहीं दी । Anways चलिये देखे ये क्या बला है । इसके लिए तीन चीजों की आधुनिक अवधारणा (Concept) जानना जरूरी है । Dont Worry मै ज्यादा डीटेल मे नहीं जाऊंगा केवल उतना ही जितना इसे समझने के लिए जरूरी है बाकी गूगल बाबा तो है ही ।
Gravitational Waves from Collision of Two black Holes

Gravity & SpaceTime

न्यूटन (1600 वी शताब्दी) के अनुसार Gravity एक attraction force है जो दो चीजों के बीच उनके Mass (द्रव्यमान) के कारण लगता है । Well attraction force से याद आया Happy Valentines Day !

                            



300 साल बाद (1915) Einstein ने बताया कि Gravity कोई Force नही है । Oopss ये क्या !


 मतलब हम लोगो ने जो 10th 12th मे पढ़ा वो गलत था ? Well वो भी सही है बहुत हद तक लेकिन वो पूरी  तस्वीर नहीं व्यक्त करता । Einstein ने बताया कि ब्रह्मांड सदैव भरी रहने वाली बाल्टी के समान है । इसमे Vacuum (निर्वात) जैसी कोई चीज नहीं है । चलिये अपनी कल्पनाओ के दरवाजे खोलिए और imagine करिए एक पानी से भरी हुई बाल्टी को । ये है हमारे ब्रह्मांड कि आधुनिक और सही तस्वीर (अब तक प्राप्त Evidences से )।
तो पानी कि सतह represent करती है SpaceTime को । Space मतलब जगह : कोई वस्तु जहा है उसकी position, उसकी लंबाई चौड़ाई उचाई आदि।  Time मतलब समय : किसी वस्तु की किसी दिये हुए समय मे स्थिति व अवस्था । Modern Theories के अनुसार Space और Time अलग अलग न हो कर एक ही Complex System बनाती है । बाकी इस के बारे मे किसी और पोस्ट मे विस्तार से बताऊँगा ।


अब एक प्लास्टिक कि गेंद इसके ऊपरी सतह पर लाएँगे तो पानी की सतह दबेगी और गेंद के surface के चारो ओर पानी का तल हल्का दाब जाएगा । तो मतलब अगर गेंद कोई आकाशीय पिंड जैसे (star, planet etc) तो वो SpaceTime (यहा पानी कि सतह ) के curve को distort करती है (चित्र से समझिए ) । अब अगर कोई चींटी उस distorted सतह पर चलती तो जाहिर तौर पर गेंद कि ओर ही लुढ़कती । यही बात बड़े बड़े तारो और ग्रहो , ग्रहो और उपग्रहो , यहा तक कि सभी बड़ी बड़ी आकाशगंगाओ पर भी लागू होती है ।



Gravity कोई Force न होकर इसी SpaceTime के curve का झुकाव है जिसके कारण हल्के पिंड भारी पिंड कि ओर Attract होते है और परिक्रमा करने लगते है । और ये समझाने कि जरूरत नहीं है कि न्यूटन का gravity नियम einstien के नियम का एक subpart मात्र है ।

Gravitational Waves:

अगर आपके imagination birds मे अभी भी ताकत बची है तो चलिये थोड़ा और दौड़ाइए इन्हे । अब गेंद को पानी कि सतह  पर हल्के हाथो से नीचे दबा के छोड़िए और ये क्रिया 4-5 बार दोहरने पर आप पाएंगे कि पानी मे लहरे उत्पन्न हो गई । बस यही होता है जब कोई बहुत भारी आकाशीय पिंड (जैसे Black Hole, Neutron Star आदि ) इस तरह के motion करता है तो SpaceTime मे curvature distortion कि लहरे उत्पन्न हो जाती है जिसे Gravitational Waves कहा जाता है ।  Voila बस इत्ती सी बात है तो काहे सब इतने खुश हो रहे है ये तो 5th Class का बच्चा भी समझ जाता । Well तो आगे पढ़िये ।



What is Special about Gravitational Waves:


  • पानी की लहरे पानी के कणो को प्रभावित करती है और Gravitational waves SpaceTime को । मतलब दो चीजों के बीच की Space(दोनों के बीच कि जगह ) कम और ज्यादा हो जाती है हर propogation के बाद (चित्र से समझे ) । और ये भूकंप से बहुत अलग है । इसे यू समझिए कि अगर बेहद तगड़ी Gravitationl Waves आपके और आपके ऑफिस / कॉलेज से होकर गुजरे तो यकीन मानिए एक पल मे आप और आपका कॉलेज/ऑफिस अगल बगल आ जाएंगे और अगले पल कई km दूर । चलिये कल्पनाओ के घोड़े दौड़ाने बंद कीजिए क्यूकी इतनी तगड़ी  Gravitational waves तो बड़े से बड़े लाखो Black Holes एक साथ नाचना शुरू कर दे तो भी न पैदा हो । लेकिन हा इन  Gravitational waves  का Effect कुछ ऐसा ही होता है । ये तो तब जब हमने केवल Space को consider किया । ये Time को भी affect करती है उसी तरह से जैसे space को । हा सही सोच रहे है आप आप और आपके पड़ोसी कि घड़ी मे टाइम change हो जाएगा और लोग कहेंगे वक़्त बदल गया है । आशा है अब ये 5th class के बच्चो कि बात अब नहीं रह गई होगी ।
  • Einstien ने बेहद नया विचार रखा था अपने समय मे आज से 100 साल पहले जो कईयो के गले नहीं उतर पाया यद्यपि उनकी सारी theory Experimentally proved हो चुकी है बस यही एक बची थी वो 12.02.2016 को proved हो गई । अब हम officially न्यूटन बाबा को नमस्ते कह कर Einstien को खुले तौर पर गले लगा सकते है और हा अगर आने वाले 10 सालो मे 8th class से ही ये सीखाना न शुरू कर दिया जाए तो आप मुझे भला बुरा कह सकते है मै बुरा नहीं मानूँगा । 
  • ये waves साधारण waves नहीं है , हर wave एक माध्यम (medium) मे चलती है जैसे पानी वाली पानी मे , Sound Waves हवा और कई अन्य चीजों मे , प्रकाश हवा , पारदर्शी माध्यमों और Space मे। लेकिन Gravitational Waves तो स्वयं Space और Time को distort करती हुई चलती है । वो अलग बात है की ये distortion इतना कम होता है कि चीजों की दूरी मे न नापा जा सकने योग्य प्रभाव पड़ता है । इसे इस example से समझिए कि अगर परमाणु को एक फूटबाल स्टेडियम के बराबर बड़ा कर दे तो proton चींटी की size का होगा और Gravitational Waves की वजह से दूरी मे परिवर्तन उस चींटी के Atom की size का होगा। अब ये न पूछिएगा की इतना कम दूरी नापी कैसे गई । बस यही तो बात है जो वैज्ञानिक लोग 100 साल बाद ही कर सके ।

How Gravitational Waves detected by LIGO

ये एक काफी जटिल चीज है  और इसके बारे में आप पढ़ना चाहे तो इस लिंक पर पढ़ सकते है :
बहरहाल यु समझिए की L आकर की 4  Km  लम्बी समकोण  (90  डिग्री ) पर काटती  भुजाओ वाली एक प्रयोगशाला  LIGO  (Laser Interferometer Gravitational-Wave Observatory) ने Laser  Rays के deflection की सहायता से इन वेव्स  की उपस्थिति और इनके द्वारा पड़ने  वाले प्रभाव को मापा और पता लगा लिया।  अब मान के चलिए इन मेहनती  लोगो को Nobel  मिलना तय है।   


अरे भाई फायदा क्या है इनका 

  • अभी तक हम जो भी देखते/observe करते  आये है वो Light Waves की सहायता से देखते है फिर वो Gama Rays , Radio Waves , Visible Light हो या मोबाइल में use  होने वाली Micro Waves ये सभी Light  जिसे वैज्ञानिक भाषा में Electromagnetic  Waves कहते है, का ही प्रयोग करके। लेकिन इनकी भी एक दिक्कत है वो ये कि कई पदार्थो से गुजरने पर ये उनके द्वारा प्रभावित हो जाती है तो हमें information सही फॉर्म में नहीं मिलती। जबकि Gravitational Waves बिना किसी चीज से affected हुए चलती है और इस तरह ये हमें एकदम सटीक सूचना देंगी किसी भी चीज के बारे में चाहे वो कितनी दूर क्यों न हो। 
  • 1990 के दशक के अंत में हमें पता चला की जितना हम पदार्थो(Mass) और ऊर्जा(Energy ) के बारे में जानते है वो पूरे विश्व का केवल 5 % भाग ही बनाते है ! मतलब ये सब जो Hydrogen , Iron , Uranium , परमाणु बम , सूर्य तारे , पृथ्वी etc जो भी हम जानते है  वो सब केवल 5 % पदार्थ है शेष पदार्थ अभी की technology जो लगभग fully Electromagnetic Waves based है, से कभी नहीं पता लगाई जा सकती क्युकी ये 95 % पदार्थ  और ऊर्जा Light से बिलकुल भी प्रभावित नहीं होती।  इन्हे केवल gravity वेव्स से ही जानकारी प्राप्त की जा सकती है।  
  • Black Holes , Neutron Stars , Quasars इत्यादि Objects जिनके बारे में हमारी maths भी हाथ खड़े कर देती है के अंदर क्या चल रहा है ये केवल Gravitational Waves से ही पता लगाया जा सकता है (फ़िलहाल वैज्ञानिक तो यही कह रहे है बाकि आप किसी और को पकड़िए) ये बड़े ही interesting ऑब्जेक्ट्स है।  For Example अगर आप black होल के अंदर पहुंच गए और बच गए तो आप सारा समय तेजी से बीतता हुआ  देख लेंगे लेकिन आपकी घडी में 1 second भी नहीं बीता होगा।  इसी तरह अगर आप Event Horizon पर है तो आप के आँखों के सामने आपका सर (पीछे वाला ) दिखाई देगा।  
और ये तो बस शुरुआत है।  अभी तो पार्टी शुरू हुई है।  और कई रोमांचित कर देने वाले articles के साथ फिर मुलाकात होगी। तब तक समझते रहिये।  और हा Comment और Share करना न भूले।  

For Further Knowledge ( If you are still interested watch out the below video)






















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3 comments

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jake
AUTHOR
14 February 2016 at 06:31 delete

Nice article...!!!

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jake
AUTHOR
14 February 2016 at 06:49 delete

One question... बस यही होता है जब कोई बहुत भारी आकाशीय पिंड (जैसे Black Hole, Neutron Star आदि ) इस तरह के motion करता है तो SpaceTime मे curvature distortion कि लहरे उत्पन्न हो जाती है... How can the massive objects like black hole and neutron star can produce such a motion that can be equated with the motion of that ball on the surface of water?

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14 February 2016 at 10:47 delete

Well seriously it's a very vast topic and I will write about all one by one. But for instance I just would like to mention that All motion of any body wether its you me a mega truck , earth , sun , galaxy etc creates distortions in spacetime and hence creates a minute disturbance which is of the order of 10^-25 to 10^-30 metre. However Colliding or binary systems of massive objects like Black Holes and neutron stars creates much more disturbance in space time and hence the GW of wavelength of the order of 10^-22 Meter are produced which is detectable by LIGO.

Its like if you put a dust particle, you won't observe any wave effect in water, but take a heavy metal of small size and it is able to even puncture the curve of water or just take any object and make a whirlpool and you would observe the effects so do the heavy and rotating massive dense objects do the space time. Don't worry stay tuned There are much more posts in this regard that you would see from time to time here on Study Materials

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