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तेजी से बदलता समय : Human Perception of Time

"2016 का दूसरा महीना अपनी आधी यात्रा तय कर चुका है और मै अभी भी इसी पशोपेश में हूँ  कि ये 2015 कब  बीत गया !" 
क्या इस तरह के प्रश्न आप को भी विचलित करते है? Well it's a true scientific fact. आइये जानते है क्यों :




What is Time

Well ये एक giant topic है इसके बारे में विस्तार से चर्चा होगी।  बहरहाल यहाँ ये बात ध्यान देने योग्य है कि अगर कुछ भी न बदले (means no change in anything at all ) तो हम कभी नहीं बता सकते कि 'समय' कभी बीता भी।  

Human Perception of Time: 

समय का बीतना हमारी घड़ी में नहीं हमारे दिमाग में होता है।  आइये जानते है कैसे :

Formation of Memories (यादो का बनना ):  जब हम कोई नई चीज सीखते है तो दिमाग में नई यादें बनती है।  (यादो का बनना एक जटिल प्रक्रिया है फिर भी आप जानना चाहे तो : Click Here)  और जब कुछ नया करना सीखते है तो उन यादो के बीच सम्बन्ध (Associations) . बचपन में चीजे ज्यादा होती है सीखने के लिए

और युवावस्था के Memories के बीच Associations . इसलिए बचपन से युवावस्था तक समय बीतने का आभास थोड़ा धीमा, युवावस्था से प्रौढ़ावस्था तक थोड़ा तेज और बुढ़ापे में समय बीतने का आभास काफी तेज हो जाता है। 

याद रखिये जब भी आप कुछ नया सीखेंगे/अनुभव करेंगे , दिमाग उसका Checkpoint बना देगा और किसी दिए हुए वर्ष में जितने ज्यादा checkpoints होंगे , वो साल उतना धीमा और जिसमे कम checkpoints वो साल उतना ही तेज।  अब बचपन के तो बहुत checkpoints होंगे जैसे पहली बार पढ़ना सीखना , खेलना सीखना और मेरे ख्याल से युवावस्था के बाद बहुत ज्यादा नया experience शादी ही होती है तो भाई समय तो तेजी से बीतेगा ही।  

Memory Division over the Span of Life (व्यक्ति की उम्र के अनुसार दिमाग में यादो का भाग ):

Ok इसके लिए चलिए थोड़ा Maths हो जाए।  
जब आप 1 साल के है , आपके दिमाग की मेमोरी का 100 % 1 साल की यादें है।  
जब आप 2 साल के है , आपके दिमाग की मेमोरी का 50 % 1 साल की यादें, शेष 50% दूसरे साल की  है।  
इसी तरह जब आप 25 साल के होंगे तब आपका बीता हुआ 1 साल आपके दिमाग की मेमोरी का केवल 4 % ही रह जाएगा। अब आप समझ गए होंगे कि जैसे जैसे आप बड़े होंगे समय की रफ़्तार आपके लिए और बढ़ती जाएगी। 



 Other Factors (अन्य कारण ):

  • सुखद अहसास जल्दी बीत जाते है जबकि उनकी यादें काफी लम्बी महसूस होती है।  और दुखद अहसासों के साथ इसका just उल्टा होता है। इसीलिए Adventures , Vacations etc भले जल्दी बीत जाए but उनकी यादें ज्यादा लम्बी महसूस  है।  
  • इसीलिए Training Period ज्यादा याद रहता है और Job time कम। 
  • Information Flow जितना ज्यादा होगा उतनी जल्दी टाइम बीतने का अहसास होगा। Internet की पहुंच , Social Networking आदि चीजो की वजह से हमारा समय बीतने का आभास ज्यादा तेज हो रहा है उन व्यक्तियों की अपेक्षा जो इन सबसे दूर है। 
  • Focus : जब आप कुछ भी Full on Focus या with interest करते है तो समय बहोत जल्दी बीत जाता है जबकि बेमन का काम या boredom काफी लम्बा। 

शेष आप निम्न vedio में देख सकते है :



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